मंगलवार, 16 फ़रवरी 2016

पिछले जीवन का सत्य

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एक वैज्ञानिक थे जो हर बात को तर्क की कसौटी  पर  सत्य  और असत्य का निर्णय  करते थे लेकिन  उनके  जीवन में एक ऐसी घटना घटित हुयी जिसने उनके सारे विश्वास को हिलाकर रख दिया बात  पैतीस  वर्ष पुरानी है  एक व्यक्ति जिनका नाम  अशोक था जो इलाहबाद के रहने वाले थे  और आर्थिक दृष्टि से बहुत ही 

संपन्न थे मगर उनकी एक समस्या थी कि उनके  पेट में बहुत तेज़ दर्द उठता था दर्द इतना तेज़ उठता था कि वे लोट - पोट हो जाते थे और मछली की तरह तड़पने लगते थे कुछ समय बाद जब दर्द कुछ कम पड़ता तब वे कहते कि इस दर्द से अच्छा है कि में मर जाऊ मुझसे ये दर्द सहन नहीं होता अशोक  श्री मालीजी को 

काफी समय से जानते थे और अपने इस  दर्द के बारे में कई बार में उन्हें बता चुके थे मगर श्रीमालीजी हर बारकोई न को-
ई बहाना करके इस बात को टालते जा रहे थे बाद में एक बार वह वैज्ञानिक भाई भी गुरूजी के पास मिलने आये वे अशोक जी को भी जानते थे और अशोक  भी वहा  गुरूजी से  पेट दर्द के सम्बन्ध 

में मिलने आये ashok ने गुरूजी  के पैर पकड़ लिए और रोने लगे और कहने लगे मैंने डॉक्टरों  हकीम वैद्यो पर पानी की तरह पैसा बहाया  है मगर रत्ती भर का भी आराम  नहीं पड़ा है कई -कई एक्सरे भी करा लिए मगर रोग का कुछ भी पता नहीं चला और कहा कि मेरा लम्बा चौडा व्यापार है नौकर -चाकर सभी आराम 

मौजूद है और में 30 -31 वर्ष का हो रहा हूँ मगर न तो कुछ खा सकता हूँ और न ही कुछ पी सकता हूँ केवल मूंग का पानी और रोटी बस यही खा सकता हूँ नौकर चाकर मिठाई खाते है  और में मालिक होते हुए भी अपाहिज  की तरह पड़ा रहता हूँ और कहते -कहते आँखों में  आँसू  छलक  आये फिर उसने गुरूजी के  चरणो 

को कसकर पकड़कर rote हुए कहा कि में अपनी दास्ता  आपको  कई  बार सुना चूका हूँ मगर आप पर कोई असर  नहीं  होता मैं कहा जाऊ किस चौखट पर अपने माथे को फोडू यह सुनकरगुरूश्रीमालीजी गुस्से में तमतमा  गए  मगर तुरंत ही शांत हो गए और कहा तुम्हे अभी और भी कष्ट भोगना बाकी है तुमने जो कर्म किये है 

उसके लिए ये सजा काफी नहीं है तब अशोक ने कहा मैंने  ऐसे कौन से कर्म किये है जो  मुझे  इतना कष्ट भोगना पड़ रहा है कृपया मुझे बातहै का कष्ट करे मैंने इस जीवन में तो किसी  दिल नहीं   दुखाया है हर वर्ष चित्र कूट जाकर साधु संतो को नौ दिनों तक भोजन कराता हूँ व् अन्य सेवा करता हूँ फिरऐसा क्याअपराध 

हुआ है श्री माली जी ने कहा इसका उत्तर चार पांच घंटेमें दूँगा और पावागढ़ की ओर चल पड़े जो कि दिल्ली से लगभग 200 km है पावागढ़ लगभग 2 बजे पहुंचे अशोक का हाथ पकड़ गाड़ी में बिठाया वह वैज्ञानिक भाई उसी गाड़ी में गुरूजी के साथ बैठ लिए दिल्ली  से देहरादून के पास पावाच गए यह छोटा  सा  क़स्बा  है जहा 

आठ हजारके लगभग आबादी थी पावागढ़ पहुंचकर एक दुकान के पास रुक गए गाड़ी से उतरते ही एक वृद्ध ने पूछा किससे  मिलना है गुरूजी ने कहा ठाकुर साहब से तब वृद्ध ने कहां  भीमसिंह जी से हमने उत्तर दिया हा गुरूजी ने उस वृद्ध से पूछा कि आपकी तो काफी उम्र हो गयी है क्या आप भीमसिंह के पुत्र को जानते हैसुनते 

ही वृद्ध भड़कगया औरकहने लगा उस दुष्ट का तो नाम ही न ले वह तो राक्षस था उसने गांव की एक भी बहु -बेटी को नहीं छोड़ा अच्छा हुआ वह आज से ३५वर्ष पहले भरी जवानी में मर गया गुरूजी के साथ  गए अशोक और वह वैज्ञानिक भाई उस बूढे वृद्ध की बाते सुन रहे  थे वह  आगे बोला वह दुष्ट तालाब के किनारेजाता औरबन्दूक 

की गोली से रोज चि -डियो का शिकार करता फिर अपने रसोइये से उन चिड़ियाओं की जीभ  का शोरबा बनवाकर उससे भोजन करता था यह कहते उस वृद्ध ने जमीं पर थूक दिया और फिर आगे बोला वह जहा कही भी पैदा होगा सुखी नहीं रहेगा उसके पेट में जितना मांस गया है उसके अनुसार वह जीवन भर पेट दर्द से 

तड़पेगा गुरूजी के साथ बैठा अशोक सब सुन रहा था और उसकी आँखों से टप टप करके आंसू  बह रहे थे इसके बाद अशोक को लेकर गाव में गए वह भीमसिंह जी पलंग पर सो रहे थे हमारे पहुचने पर बैठ गए  अशोक की चर्चा चलने पर आँखों में आंसू भर लाये और बोले मेरा एक ही पुत्र था परन्तु अच्छा हुआ वह राक्षस 

मर गया वह अपने पुत्र की फोटो दिखाने अंदर घर में ले गए जब सबने चित्र को देखा तो आश्चर्य की ब्बत थी कि अशोक की शक्ल से वह फोटो हूँ -बहू मिल रही थी उसके बाद उस गाव से वापिस आते समय अशोक फूट -फूट कर रोने लगा और पश्चाताप करने लगा इस प्रकार  हम  समझ सकते है कि हमें पूर्व जन्मो के 

कुकृत्यो की सजा इस जीवन में भुगतनी ही पड़ती  है  यह बिलकुल सच्ची  घटना है बाद में  गुरूजी  के बताये  अनुसार अशोक  रोज चिड़ियाओं के झुण्ड को अनाज डालता और गुरूजी के द्वारा बताये अनुसार   मन्त्र का जाप करता रहा तब कही जाकर २ वर्षो बाद पेट का दर्द समाप्त हुआ आज अशोक पूर्णतः पेट के दर्दसे 

मुक्त हो चुका है हमारे भारतवर्ष में कई ऐसी  विद्याए है जिनसे हम अपना पिछला जीवन देख सकते है और पता लगा सकते है कि किस कारण से हमारे इस जीवन में समस्या है | 

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